एसएलईएम रोडमैप
एसएलईएम रोडमैप का मुख्य उद्देश्य एसएलईएम परियोजना (एसएलईएम बेसलाइन रिपोर्ट: सतत् भूमि और पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन में मुद्दे, चुनौतियां और संभावनाएं) के तहत भा.वा.अ.शि.प. द्वारा किए गए निष्कर्षों/ सिफारिशों को लागू करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना के साथ एक रोडमैप विकसित करना है। एसएलईएम बेसलाइन रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें इस प्रकार हैं:
- राज्य भूमि उपयोग बोर्डों का पुनरुद्धार
- पेसा के प्रावधानों के साथ राज्य के कानूनी ढांचे का सामंजस्य
- प्राकृतिक संसाधनों को बनाए रखने के लिए प्रभावी तरीके से संरक्षित क्षेत्रों का प्रबंधन
- पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने के लिए जैव विविधता संरक्षण को मुख्यधारा में लाना
- दीर्घकालिक जैव विविधता संरक्षण के लिए अंतर-क्षेत्रीय नीतियां
- भूजल का प्रबंधन
- टिकाऊ उत्पादकता बढ़ाने के लिए स्मार्ट भूमि प्रबंधन और नवीन प्रौद्योगिकियां
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाना
- राष्ट्रीय भूमि उपयोग नीति विकसित करना
एसएलईएम रोड मैप भारत में संस्थागत और नीतिगत व्यवस्थाओं की वर्तमान स्थिति की जांच करेगा, प्रमुख अंतराल (संस्थागत तंत्र, डेटा और क्षमता अंतराल आदि) की पहचान करेगा और इन्हें कैसे पुन: व्यवस्थित करने की आवश्यकता हो सकती है और/या निवेश के विकल्प बनाने के लिए एसएलईएम प्रथाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए कौन से नीतिगत सुधारों और परिवर्तनों की आवश्यकता है।
एसएलईएम रोड मैप शामिल विभिन्न मंत्रालयों / विभागों / अनुसंधान संगठनों / सिविल सोसाइटी के लिए विशिष्ट दिशानिर्देश प्रदान करेगा और परती भूमि की बहाली और भूमि क्षरण / मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए काम करेगा। एसएलईएम रोड मैप भूमि क्षरण तटस्थता, सतत् विकास लक्ष्यों और राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दिशानिर्देश और योजनाएं भी प्रदान कराता है।